कोई तेरा नहीं बस एक साईं आसरा होगा,पर उसको ढूंढना है अपने अन्दर झांकना होगा,
तू दर उस वक़्त से जब दूर तक तू भागता होगा,तेरे कर्मों का साया तेरा पीछा कर रहा होगा,कोई तेरा नहीं बस एक साईं आसरा होगा,
किसी के लब पे जब भी जिंदगी से कुछ गिला होगा,तो साईं और उसके दरमियाँ इक फासला होगा,कोई तेरा नहीं बस एक साईं आसरा होगा,
उधर दुनियाँ की भट्टी है इधर साईं की ठंडक है,उधर जाओ इधर आओ तुझे ये सोचना होगाकोई तेरा नहीं बस एक साईं आसरा होगा,
तेरे रब से कोई नेकी बुराई छुप नहीं सकती,कोई देखे न देखे पर वो सब कुछ देखता होगा,कोई तेरा नहीं बस एक साईं आसरा होगा,
न जाने कब कहाँ वो खोल दे रहमत के दरवाज़े,मगर इसके लिये दिन रात तुझको जागना होगा,कोई तेरा नहीं बस एक साईं आसरा होगा,मुक़मल ज़ात है उसकी मुक़मल आस रख उस पर,उसी ने दर्द बांटे हैं वो ही तेरी दवा होगा,कोई तेरा नहीं बस एक साईं आसरा होगा,
कोई तेरा नहीं बस एक साईं आसरा होगा,पर उसको ढूंढना है अपने अन्दर झांकना होगा
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